लेखक:
तोताराम सनाढ्य| 
				 तोताराम सनाढय का जन्म 1876 में उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद ज़िले में हुआ था। 1893 में उन्हें गिरमिटिया मजदूर बनकर फीजी जाना पड़ा। वहाँ 5 वर्ष तक उन्होंने बँधुआ मजदूर के रूप में कार्य किया। करार की अवधि समाप्त होने के बाद वे बँधुआ मजदूरों की सहायता में लग गए और उनके अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। फीजी में 21 वर्ष रहने के बाद 1914 में वे भारत लौट आए। फिजीद्वीप में मेरे इक्कीस वर्ष उनके फीजी में बिताए गए 21 वर्षों के अनुभव का वृत्तांत है। 1947 में साबरमती आश्रम में उनका निधन हुआ।  | 
			
								 
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			भूतलेन की कथातोताराम सनाढ्य
				मूल्य: $ 16.95  | 
		      
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1 पुस्तकें हैं|

 
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